दही से हमारे शरीर को कई फायदे होते है। पौष्टिक गुणों से भरपूर, यह हमारे पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है।
आयुर्वेद के अनुसार आप अगर इन तरीको से दही खा रहे है–तो होजाये सावधान!
(Ayurveda tips: Avoid making these mistakes while eating curd)
आइये जाने- दही खाते समय किन गलतियो से बचें।
जन्माष्टमी और दही हांडी का इतिहास
जन्माष्टमी और दही का खास रिश्ता है।
जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण की जयंती का प्रतीक है। इस त्यौहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दहीहंडी होता है।
बोलते है, श्री कृष्ण बचपन से ही दही और माखन खाना बहुत पसंद करते थे।
वह हमेशा से ही अपने और गाव के घरो की माखन-दही, गोपियों से चुरा के खाया करते थे।
गोपियों की शिकायत मिलने पर, मैया यशोदा ने घर पर रखी दही, को हांड़ी में रख के ऊपर टांग दिया करती।
श्रीकृष्ण के लिए अकेले ऊपर से दही चुराना मुश्किल था, इसीलिए अपने भाई बलराम और दोस्तों के साथ मिलकर, उनके कंधों पर चढ़कर दही चुराया करते थे।
दही की हांडी, बारिश की फुहार, माखन चुराने आये नन्दलाल, मुबारक हो आप को जन्माष्ट्मी का त्यौहार।
आज उसी तरह जन्माष्टमी मनाने के लिए, स्थानीय लड़कों द्वारा दही-हांडी तोड़ी जाती है।
दही के फ़ायदे
आयुर्वेद में दही के स्वास्थ लाभ के बारे में उल्लेख है, और आज चिकित्सा विज्ञान भी इसे मानता है।
Did you know? 1
लैक्टोज इन्टॉलरेंट (lactose intolerant) लोग, दही खा सकते हैं।
जो लोग लैक्टोज इन्टॉलरेंट होते हैं, यदि वे एक निश्चित सीमा से अधिक मात्रा में दूध का सेवन करते हैं तो उन्हें दस्त और गैस्ट्रिक समस्याएं होती हैं। लेकिन दही के साथ ऐसा नहीं है।
दही का पोशण (Nutritional Value of Curd)
आइए 100 ग्राम दही की कैलोरी और पोषण संरचना पर एक नज़र डालें:
कैलोरी | फैट | कार्बोहाइड्रेट | प्रोटीन |
100 | 4.2g | 3.42g | 11.75g |
100 ग्राम दही में 100 कैलोरी होती है।
कैलोरी ब्रेकडाउन: 38% फैट, 14% कार्ब्स, 48% प्रोटीन। (Source 1)
दही बनाने की विधि
बचपन में मुझे दही बहुत पसंद था इसलिए मैंने घर पर ही दही बनाने की कोशिश की। मैंने दूध उबाल कर उसमें नींबू का रस निचोड़ दिया। और कई घंटे बस इंतजार किया कब दही बनेगा जब काफी समय बाद मैंने दोबारा चेक किया तो दूध फट चुका था दही तो बना ही नहीं।
इस पूरी घटना से कंफ्यूज होने के बाद मैंने अपनी मां को सब बता दिया। हंसने लगी और मुझे दही बनाने की सही रेसिपी बताइ।
अगर आप भी घर पर दही बनाना चाहते हैं तो यह स्टेप्स फॉलो कीजिए
- सबसे पहले एक पतीला ले और उसे साफ पानी से धो ले।
- उसके बाद आधा लीटर यानी लगभग 2 कप दूध डालकर, गैस पर रखें और धीमी आंच पर उसे उबालने दे।
- दूध में उबाल आने दें, उसमें बुलबुले उठने लगेंगे।
(85 से 96 डिग्री सेल्सियस या 185 से 204 डिग्री फारेनहाइट तापमान पर गर्म कर सकते हैं)
- गर्म होने के बाद, दूध को रूम टेंपरेचर पर ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दीजिए।
- कुछ समय बाद दूध को छू के कंफर्म करें कि – वह रूम टेंपरेचर पर है।
- एक से दो चम्मच दही लेकर दूध में डालें।
गर्मियों में 1 चम्मच ठीक है तो सर्दियों में 2 चम्मच डाल दे।और आप इसे अच्छे से मिला ले।
- आप चाहे इसी पतीले में दही जमा ले, जिसमें दूध गरम किया था।
या फिर मिट्टी के कटोरे, स्टील के कटोरे और यहां तक कि कांच या चीनी मिट्टी के कटोरे में भी जमा सकते है।
- अब इस बर्तन को अच्छे से ढककर जमने रख दे। आप इसे रात भर भी रख सकते हैं।
- अगर हॉट और ह्यूमिड एनवायरनमेंट हो तो 4-7 घंटे में दही बन सकता है, लेकिन अगर ठंडा एनवायरनमेंट हो तो 8-12 घंटे लग सकते हैं। (2)
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भैंस के दूध के दही की तुलना, में गाय के दूध से बना दही स्वास्थ्यवर्धक होता है।
गाय के दूध में फैट कम होता है, इसलिए यह हल्का और आसानी से पचने वाला होता है।
भैंस के दूध के दही से बचें! खासकर अगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
आयुर्वेद टिप्स: दही खाने की गलतियां से बचें!
आयुर्वेद के अनुसार शरीर के तीन दोषों वात, कफ और पित्त को संतुलित करने के लिए हमें अपना खान-पान भी सही रखना चाहिए।
हमारे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ “Dr. Harsh” M.D.(Ayu. Med.), Aayas Ayurvedic Hospital, ने दही खाने के कुछ नियम बताये हैं, इसका पालन नहीं करने से हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
आइए देखते हैं:
मानसून महीने में दही खाने से सेहत को भयानक नुकसान होता है
मानसून में वात का संचय और पित्त का प्रकोप होता है, जिससे हमें पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
आयुर्वेद सिर्फ दही ही नहीं बल्कि उससे बनी अन्य चीजें जैसे दही बड़ा, छाछ, इडली, ढोकला भी सावन और भादों (बारिश) के महीनों में खाने की सलाह नहीं देता है।
बारिश में दही खाने के कई साइड इफेक्ट है, जैसे – गला खराब होना, कफ जमा होना, शरीर के जोड़ों में दर्द, पुराने दर्द की अचानक शुरुआत, पाचन की समस्या आदि।
दही और फल साथ में ना खाए
दही को फलों के साथ कभी भी ना मिलाया जाए।
शोध के अनुसार, पाया गया है कि फल और दही को साथ खाने से कई प्रकार के एलर्जी हो सकती हैं। इससे शरीर पर रैशेज (rashes) और डाइजेस्टिव सिस्टम (digestive system) पर नेगेटिव इफेक्ट हो सकता है।
दही और नॉनवेज साथ में ना खाए
दही को मछली, अंडे, दूध और बाकी डेरी पदार्थ के साथ नहीं खाना चाहिए। दही को किसी भी प्रकार के मांस के साथ मिक्स करने से टॉक्सिन हमारे शरीर में जा सकते हैं।
अगर आप दही और मांस खाना चाहते हैं तो उन में कम से कम 40 मिनट का अंतर रखें।
रात को दही का सेवन ना करें
रात को दही खाना हमारे सेहत के लिए सबसे ज्यादा घातक है। ऐसा करने से हमारी डाइजेस्टिव सिस्टम वीक हो जाती है। जो हमारे शरीर में कई तरह की समस्याओं और बीमारियों को जन्म देता है।
दही को गर्म करके उसका सेवन ना करें
दही को कभी भी गर्म करके ना खाए। पहले से ही गर्म होने के कारण उसका न्यूट्रिशनल वैल्यू खत्म हो जाएगा। खासकर खासी, ब्लड सरकुलेशन, इन्फ्लेमेशन, और सूजन से परेशान लोगों को और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
वजन घटाना चाहते हो तो दही से रहे दूर
दही खाने के बाद शरीर में प्रवेश करने वाले जितने भी न्यूट्रिएंट्स है वह हमें ताकतवर बनाते हैं परंतु दही का स्वाद अम्लीय और गर्म होता है, जिसके कारण उसे पचाने के लिए काफी समय लगता है। इसलिए अगर वजन बढ़ाना हो तो दही सबसे अच्छा है लेकिन अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो दही को अपनी डाइट में ना रखें।
दही चाहे कितना भी पसंद हो रोज ना खाए
दही का सेवन करने से हमारे शक्ति के साथ हमारे शरीर में कैफीन और पित्त का प्रमाण भी बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार दही को हर दिन खाना नुकसान कारक है। इससे विपरीत परिणाम होते हैं।
इसलिए आप बिच-बिच में दही के बदले, छाछ को पीजिये।
बस छाछ में थोड़ा सा सेंधा नमक, काली मिर्च और जीरा मिलाकर पीजिये ताकि आपको इसके कई लाभ मिले।
आगे क्या करे ?
आयुर्वेदा के नियमों को अपनाकर न केवल हमारा जीवन अच्छा बनता है बल्कि रोग रहित भी होता हैं।
आइये सुनिश्चित करे कि इस जन्माष्टमी हम दही खाने की इन गलतियो से बचें और निरोगी काया की तरफ बढ़ते रहे।
जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ, जय हिन्द!
-अदिति म्हात्रे
Good article dhahi kab nahi khana chahiye ye information muje bhi first time pata chali 👍 Keep updating…..
“जन्माष्टमी” का पर्व पर दुध व दही का विषय अत्यंत सामायिक!!
दही तथा माखन श्रीकृष्ण जी को सबसे प्रिय!!
“दही” की उपयुक्तता को इतने सटीक व सुन्दरता से प्रस्तुत करना हम सबका सौभाग्य।
दही का उचित प्रकार से प्रयोग शरीर स्वास्थ्य के कैसे उपयोगी हो सकता हैं, व अनुचित उपयोग से दही हानिकारक भी सिद्ध हो सकता हैं, यह विषय अत्यंत सरलता से रखने के कारण, अनेक लोगों के लिये यह लेख अवश्य सहायक सिद्ध होगा।
बहुत बहुत धन्यवाद।।
Very informative 👍