Golden words of wisdom by our sages for good health.
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
अजीर्णे भोजनं विषम्।
यदि दोपहर में लिया गया भोजन नहीं पचता है, तो रात का भोजन करना जहर खाने के समान होगा। भूख एक संकेत है कि पिछला भोजन पच चुका है।
अर्धरोगहारी निद्रा।
अच्छी नींद से आधी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
मूढ़गढ़ाल्ली गढ़व्याली।
सभी दालों में से हरे चने सबसे अच्छे होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अन्य सभी दालों का कोई न कोई दुष्प्रभाव होता है।
बागनास्थी संधानकारो रसोनहा।
लहसुन टूटी हुई हड्डियों को भी जोड़ देता है।
अति सर्वत्र वर्जयेत।
किसी भी चीज का अत्यधिक सेवन, सिर्फ इसलिए कि उसका स्वाद अच्छा है, आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। संयमित रहें।
नास्थिमूलम अनौषधाम।
ऐसी कोई सब्जी नहीं है जिसका शरीर को कोई औषधीय लाभ न हो।
नां वैध्यः प्रभुरायुशाह।
कोई डॉक्टर, हमारी लंबी उम्र की गारंटी नहीं ले सकता। डॉक्टरों की सीमाएं हैं।
चिंता व्याधि प्रकाश्य।
चिंता से तबीयत बिगड़ती है।
व्यायामच्छ सनैही सनैही।
कोई भी एक्सरसाइज धीरे-धीरे करें। शीघ्र व्यायाम अच्छा नहीं है।
अजावथ चर्वनाम कुर्यात।
बकरी की तरह अपना खाना चबा-चबा कर खाये, कभी भी जल्दी में खाना न खाओ..
लार (थूक) पाचन में मदद करती है।
स्नानम नामा मानहप्रसाधनकरम धुस्वप्न विध्वसनम।
नहाने से डिप्रेशन दूर होता है। यह बुरे सपनों को दूर भगाता है।
ना स्नानम आचारेठ भुक्थवा।
खाना खाने के तुरंत बाद कभी न नहाएं इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
नास्थि मेघासमाम थोयम।
शुद्धता में बारिश के पानी सा शुद्ध कोई ओर पानी नहीं।
अजीर्णे भेषजम वारी।
सादा पानी लेने से अपच को दूर किया जा सकता है।
सर्वत्र नूथनाम सस्थाम सेवकाने पुर्रथनम।
हमेशा ताजी चीजों को प्राथमिकता दें।
जैसे घर में पुराने चावल और पुराने नौकर को नए से बदल लेना चाइये। (यहां नौकर के संबंध में वास्तव में इसका अर्थ है की उसके काम/कर्तव्यों को बदलें और उसे निकाले नहीं।)
नित्यम् सर्वा रास्सभ्याश।
सभी स्वादों से भरपूर भोजन करें! जैसे: नमक, मीठा, कड़वा, खट्टा, कसैला और तीखा)।
जटाराम पूरायेधरधाम अन्नाहि।
अपना पेट आधा ठोस खाने से, एक चौथाई पानी से भरें और बाकी खाली छोड़ दें।
भुक्थवोपा विसथास्थंद्र।
खाना खाने के बाद कभी खाली नहीं बैठना चाहिए। कम से कम आधा घंटा टहलें।
क्षुथ साधुथाम जनयथि।
भूख खाने का स्वाद बढ़ा देती है,
दूसरे शब्दों में भूख लगने पर ही भोजन करें।
चिंता जर्रानाम मनुष्याणम।
चिंता करने से बुढ़ापा बढ़ता है।
साथम विहाया भोक्ताव्यम।
कहते है, जब खाने का समय हो तो जरुरत पड़ने पर 100 काम भी करना छोड़ दें।
और पहले खाना खाये।
सर्व धर्मेशु मध्यमाम।
हमेशा बीच का रास्ता चुनें। किसी भी चीज में अति करने से बचें।
||धन्यवाद||
दर्शन आश्रम
गांव बूढेडा
गुड़गांव
🙏🌹शुभ विचार🙏🌹
सूत्रों का कहना है (References)
- Good Sleep for Good Health
- Nutritional properties of green gram germinated in mineral fortified soak water: I. Effect of dehulling on total and bioaccessible nutrients and bioactive components
- Potential Health Benefit of Garlic Based on Human Intervention Studies: A Brief Overview
- Does the Perception that Stress Affects Health Matter? The Association with Health and Mortality
- Healthy Eating As You Age: Know Your Food Groups
All are facts but the below are the best part of today’s post
जीवन का आखिरी समय कैसे व्यतीत होगा, इसका फैसला हमारा धन नहीं बल्कि हमारे द्वारा किए गए व्यवहार और दिए गए संस्कार तय करेंगे।
हर कर्म बहुत ध्यान से करें। क्योंकि न किसी की दुआ खाली है और न ही किसी की बदु दुआ।