मास्टरबेशन मनुष्यों के द्वारा की जाने वाली एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है।
कुछ धर्म और संस्थाए ऐसे हैं जो कहते हैं “कि मानव शरीर के बनावट में कुछ गलतिया है“। इसलिए, ऐसे धर्मस्थल हस्तमैथुन को वर्जित मानते है, हालांकि यह पूरी तरह से एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
भारतीय हिन्दू संस्कृति ने कभी इस तरह की बातों को छिपाने की कोशिश नहीं की। हम पर शासन करने वाले अंग्रेजों के बाद ही हमारी कई विचार प्रक्रिया बदली है।
यदि आप अंग्रेजों से पहले बनाए गए हमारे मंदिरों को देखें – तो आपको बहुत सारे डिजाइन / कलाएँ दिखाई देंगी, जिन्हें लोग अश्लील समझ सकते हैं। जैसे – खजुराहो मंदिर, सूर्य मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर, लिंगराज मंदिर आदि।
भारतीय संस्कृति में इसे गलत नहीं माना जाता है।
समझने वाली बात यहाँ यह है की – अधिकतर ऐसे सभी मंदिर के बाहर यह डिजाइन/कलाएँ मौजूद हैं, अर्थात “इन्हे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही हमे ऐसी चीज़ो से बहुत ज्यादा जुड़ना भी नहीं चाहिए।“
क्या तुम्हें पता था?
इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी (Pornography) कितनी उपलब्ध और देखी जाती है ?
उत्तर है – “हद से ज्यादा!“
कोई उचित अध्ययन नहीं है, लेकिन कई यो का कहना है कि “इंटर्नेंट पर 40-60% सामग्री प्रोनोग्राफी है।”
यह एक बहुत बड़ी संख्या है? है ना ?
आज के ब्लॉग भी – अत्याधिक हस्तमैथुन के विषय में है।
मास्टरबेशन क्या है? – What Is Masturbation in Hindi?
यह यौन सुख पाने का एक तरीका है जो स्वयं के द्वारा की जाने वाली एक प्रक्रिया है जिसमें स्वयं के जननांगों को उत्तेजित किया जाता है। विभिन्न तरह के सेक्स टॉय जैसे वाइब्रेटर से, उंगलियां, हाथ से, रोजमर्रा की वस्तुएं, इनके द्वारा मास्टरबेशन करते है।
यह पुरुषों और महिलाओं के बीच बहुत ही सामान्य व्यवहार है, यह उनके स्वयं के शरीर की स्वयं-खोज करने और यह पता लगाने की प्रक्रिया है कि उनके शरीर का प्रत्येक भाग स्पर्श करने पर कैसी प्रतिक्रिया करता है।
बहुत से कारणों की वजह से लोग मास्टरबेशन करते है जैसे: तनाव मुक्त होने के लिए, आनंद के लिए, सुख प्राप्त करने के लिए आदि हस्तमैथुन अकेले भी किया जा सकता है और अपने साथी के साथ भी।
यह “गलत” या “बुरा” नहीं है।
अध्ययन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 74% पुरुष हस्तमैथुन करत हैं।
मास्टरबेशन कितने दिन में करना चाहिए? – How Often Should You Masturbate
हस्तमैथुन के विषय पर लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि “चिकित्सा विज्ञान की माने” या “धर्म की”। इसलिए दोनों का, इस विषय पर समझना बहुत जरूरी है।
धर्म क्या कहता है?
हिंदू धर्म में सेक्स एक महत्वपूर्ण और पवित्र चीज है। कामुक सुख भी पवित्र हैं। हिंदू धर्म हस्तमैथुन के खिलाफ नहीं है। हस्तमैथुन करना भी कोई पाप नहीं है।
ईसाई धर्म या इस्लाम के विपरीत, हिंदू धर्म समझता है कि मनुष्य को कामुक सुख की आवश्यकता है।
हिंदू धर्म बलात्कार और जबरदस्ती सेक्स के खिलाफ है इसीलिए हस्तमैथुन को सेक्स के विकल्प के रूप में देखा जाता है।
हालाँकि, हिंदू धर्म कहता है कि हस्तमैथुन और यौन विकृतियां मोक्ष प्राप्त करने से ध्यान भटकाती हैं।
इसलिए आप हस्तमैथुन करे परन्तु आत्म-नियंत्रण भी रहे।
चिकित्सा विज्ञान क्या कहता है?
प्रतिदिन हस्तमैथुन करना सामान्य है!
कुछ पुरुषों के लिए सामान्य हो सकता, जबकि अन्य के लिए यह अत्यधिक हो जाता है। जब तक हस्तमैथुन आपकी समग्र ऊर्जा स्तर को प्रभावित नहीं करता है और आपके दैनिक जीवन और गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है, तब तक आप इसे कर सकते है।
हालांकि कुछ सेक्स विशेषज्ञ का मानना है की रोज हस्तमैथुन करना अत्यधिक हो सकता हैं। क्योंकि रोजाना हस्तमैथुन करने से थकान, कमजोरी, शीघ्रपतन हो सकता है और आपके साथी के साथ यौन गतिविधियां बाधित हो सकती हैं।
इसलिए अपनी बेहतरी के लिए धर्म और चिकित्सा विज्ञान के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
इसका मतलब है कि जब भी आपका मन हो और शरीर भी काबिल हो, तो आप हस्तमैथुन करे। परन्तु ऐसा व्यक्ति होना भी जरुरी है जो हस्तमैथुन की भावनाओं को नियंत्रित में रख सके। ना की हस्तमैथुन की भावनाये आपको नचाती रहे।
हस्तमैथुन के बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ – Benefits of Masturbate
ज्यादा मास्टरबेशन करने के दुष्परिणाम – Side Effects of Too Much Masturbation
अगर आप महीने में 21 बार से ज्यादा हस्तमैथुन करते हो तो सावधान, इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
एडिमा (Edema problem)
बार-बार हस्तमैथुन करने से एडिमा हो जाता है, जिसमें लगातार जलन के कारण लिंग सूज जाता है।
शीघ्रपतन
आपका पेशाब के दौरान वीर्य निकलने लगेगा। जिस से आपको erectile dysfunction और शीघ्रपतन (premature ejaculation) की बीमारी है।
प्रजनन क्षमता ख़तम हो सकती है
अत्यधिक हस्तमैथुन से आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन बन ने की क्षमता कम हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप शुक्राणुओं की संख्या और प्रजनन क्षमता कम हो सकती है।
काम में अरुचि
अत्यधिक हस्थमैथुन आपको किसी भी काम, खेल-कूद या पढाई में मन लगने नहीं देता और अक्सर इस से हार का सामना करना पड़ता है।
यदि आपको बहुत अधिक हस्तमैथुन की आदत लग गई है तो आप किसी डॉक्टर के पास जा सकते है – उनकी मदद कुछ दिन आपके काम आएगी।
परन्तु लंबे समय के लिए सबसे अच्छा उपाय है सत्संग!
रामचरित मानस में कहा गया है की:
सतसंगत मुद मंगल मूला।
सोइ फल सिधि सब साधन फूला॥
सठ सुधरहिं सतसंगति पाई।
पारस परस कुधात सुहाई॥
बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं।
फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
अर्थातद सत्संग सब मङ्गलो का मूल है. जैसे फुल से फल ओर फल से बीज ओर बीज से वृक्ष होता है उसी प्रकार सत्संग से विवेक जागृत होता है।
मेरा अनुरोध है की आप अपने आसपास सत्संग जाना शुरू करे यह निश्चित ही मदगार सिद्ध होगा।
मास्टरबेशन की लत – Masturbation Addiction
बहुत से लोगों का मानना है की यह एक मज़बूरी है ना ही लत। हस्तमैथुन की लत तब लगती है जब कोई व्यक्ति हस्तमैथुन करने की इच्छा को काबू में नहीं कर पाता है। अत्यधिक हस्तमैथुन के कई नकारात्मक परिणाम हो सकते है।
निष्कर्ष
हस्तमैथुन मनुष्य के लिए पूरी तरह से सामान्य प्रक्रिया है और एक स्वस्थ यौन व्यवहार है।
लेकिन यहाँ आत्म-नियंत्रण का महत्व (Significance of Self-Control) बहुत है।
पश्चिमी दुनिया ने आत्म-नियंत्रण की कमी के कारण नैतिक गिरावट का सामना किया है, और कई बीमारियों को जन्म दिया है।
आत्म-नियंत्रण की कमी के कारण, अपराध की घटनाओं में भी वृद्धि हुई।
US में लगभग 70% विवाहों का परिणाम तलाक होता है।
चूंकि उन्होंने प्रकृति के आत्म-नियंत्रण के नियम का उल्लंघन किया है, वे यौन संचारित रोगों से पीड़ित हैं, जैसे की एड्स (AIDS)।
इसलिए आज की युवा पीढ़ी को आत्म-नियंत्रण के महत्व को समझना चाहिए- जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य, मन की प्रसन्नता और तेज बुद्धि विकशित होगी।
यह एक बेहद निजी यौन व्यवहार है, जिसकी चर्चा कोई भी अपने सबसे करीबी दोस्तों के साथ भी नहीं करता है। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि ऐसे ब्लॉग को अपने करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों, जूनियर्स और अपने बच्चों के साथ जरूर साझा करें। (1) 🙏
जय हिन्द!
-हर्ष चतुर्वेदी
Good luck.