महिलाए सेक्स में रूचि खो रही है, क्यों? ऐसे HSDD परिस्थिति में क्या करे? Part-2

नमस्ते दोस्तों।  मैं हूँ डॉक्टर प्रिया, पिछले ब्लॉग में हमने देखा महिलाओ में HSDD की बीमारी के कारण और लक्षण। आज के ब्लॉग में देखते हैं कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर कैसे बनाये।

HSDD का उपचार

जैसे की हमने पिछले ब्लॉग देखा, HSDD के कई कारण हो सकते है। इसलिए आपके डॉक्टर सर्व प्रथम उस कारण का पता लगाएंगे जिसकी वजह HSDD से आप बाधित हुए। इसके पश्चात डॉक्टर आपको यौन शिक्षा, काउंसलिंग, मेडिकेशन और हार्मोन थेरेपी का सुझाव दे सकते है।  

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद ने पहले से ही कम यौन इच्छा विकार को एक महत्वपूर्ण जटिलता माना है।
यहाँ उल्लिखित 5 जड़ीबूटियों महिलाओ में कामेच्छा बढ़ सकती है। 

1. सफ़ेद मुस्ली

सफ़ेद मुसली एक दुर्लभ जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। यह यौन क्रिया में सुधार करता है और इसके कई अन्य उपयोग हैं। यह एक स्वास्थ्य टॉनिक के रूप में भी महत्व प्राप्त कर रहा है, और एक कामोद्दीपक के रूप में दुनिया भर में स्वीकृति प्राप्त कर रहा है।

 सफ़ेद मुस्ली का सेवन कैसे करे?
  • सफेद मुसली का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका सीधे जड़ों का सेवन है।
  • इसे आयुर्वेद में कामोद्दीपक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • लगभग 15 ग्राम जड़ों को एक कप दूध में उबालकर लें।
  • दिन में दो बार लें।
  • यह पुरष और स्त्री दोनों के लिए अच्छा है।
  • वैकल्पिक रूप से, आप सफेद मुसली पाउडर (स्वीट मुसली चूर्ण) या भुने हुए सफेद मुसली के बीज दूध के साथ ले।
किन लोगो को सफेद मूसली नहीं खानी चाहिए?
  • अगर आपका पाचन तंत्र खराब है तो सफेद मुसली से बचें। 
  • सलाह दी जाती है कि सफेद मुसली का लंबे समय तक उपयोग न करें क्योंकि इसकी कफ बढ़ाने वाली तत्व से वजन बढ़ सकता है। 
  • यदि आप स्तनपान करा रही हैं या गर्भवती हैं तो आप सफेद मुसली को डॉक्टर की देखरेख में ही ले सकती हैं।
सफ़ेद मुस्ली HSDD fithumarabharat

2. शतावरी

शतावरी एक महिला कामेच्छा बढ़ाने वाली है। यह महिलाओं में कम कामेच्छा के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा है। इसका व्यापक रूप से स्तन के दूध को बढ़ाने और महिला प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। महिलाओं में कम कामेच्छा के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा होने के अलावा, शतावरी लगभग सभी मासिक धर्म की समस्याओं में फायदेमंद है।

 शतावरी का सेवन कैसे करे?
  • लंच और डिनर के बाद शतावरी चूर्ण का सेवन दूध या शहद के साथ किया जाता है। 
  • महिलाएं लाभ प्राप्त करने के लिए दिन में दो बार आधा चम्मच शतावरी चूर्ण का सेवन करें।
  • वैकल्पिक रूप में शतावरी जूस का सेवन भी कर सकते है, इसे आप खाली पेट गर्म पानी के साथ ले।
किन लोगो को शतावरी नहीं खानी चाहिए?
  • किडनी संबंधी विकार है तो शतावरी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • शतावरी लिथियम के उत्सर्जन में हस्तक्षेप कर सकती है। इसलिए, यदि आप लीथियम आयन से उपचार कर रहे हैं, तो कृपया शतावरी लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  • गर्भावस्था के दौरान शतावरी से बचना चाहिए या केवल चिकित्सकीय देखरेख में ही लेना चाहिए।
शतावरी HSDD fithumarabharat

3. गोक्षुरा

आयुर्वेद में गोक्षुरा को अच्छा कामोत्तेजक के रूप में जाना जाता है। गोक्षुर महिलाओं की कामेच्छा बढ़ाने के रूप में काम करता है। अध्ययनों से पता चला है कि यह महिलाओं की उत्तेजना, स्नेहन और संतुष्टि में वृद्धि करता है।

गोक्षुरा का सेवन कैसे करे?
  • 1/2 चम्मच गोक्षुरा पाउडर लें।
  • इसे 1 कप (250ml) दूध में उबाल लें
  • इसे कमरे के तापमान पर ठंडा करें और दिन में दो बार पिएं
  • सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे 1-2 महीने तक जारी रखें।
किन लोगो को गोक्षुरा नहीं खानी चाहिए?
  • गोक्षुरा में मूत्रवर्धक प्रभाव होता है (मूत्र प्रवाह में वृद्धि)। इसलिए गोक्षुरा का उपयोग मूत्रवर्धक प्रभाव वाली अन्य दवाओं के साथ सावधानी के साथ करने की सलाह दी जाती है।
  • गोक्षुरा रक्त शर्करा (blood sugar level) के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए इसे लेते समय अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करने की सलाह दी जाती है।
  • गर्भावस्था के दौरान गोक्षुरा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।
गोक्षुरा HSDD fithumarabharat

4. कौंच बीज

कौंच जिसे मुकुना प्रुरीएन्स (Mucuna pruriens) के नाम से भी जाना जाता है, भारत में लोकप्रिय दवाओं में से एक है। इस पौधे के बीज, कौंच बीज, व्यापक रूप से कामोद्दीपक के रूप में उपयोग किए जाते हैं। कौंच के बीज यौन सहनशक्ति में सुधार, कामेच्छा बढ़ाने और यौन टॉनिक में उनकी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।

 कौंच बीज का सेवन कैसे करे?

1/4-1/2 चम्मच कौंच बीज का चूर्ण, शहद या 1 कप गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में एक या दो बार भोजन के बाद सेवन करें।

किन लोगो को कौंच बीज नहीं खानी चाहिए?
  • हृदय रोगियों को कौंच बीज नहीं लेना चाहिए। 
  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान कौंच बीज से बचें। इस दौरान सुरक्षित रूप से इसके उपयोग पर स्पष्टता नहीं है।
  • बच्चों और बुजुर्गों में कौंच बीज के उपयोग के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। इसलिए बच्चों या बुजुर्गों को कौंच बीज देने में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना स्वयं औषधि के लिए किसी जड़ी-बूटी का प्रयोग न करें।

कौंच बीज HSDD fithumarabharat

5. ब्राह्मी

आयुर्वेद में, ब्राह्मी का उपयोग स्वस्थ मस्तिष्क, मन और शरीर के लिए किया गया है। ब्राह्मी में तनाव दूर करने वाले प्रभाव होते हैं। ब्राह्मी में मूड लिफ्टिंग गुण होते हैं और यह एक बेहतरीन स्ट्रेस बस्टर है। यह तनावपूर्ण परिस्थितियों के अनुकूल होता है।

क्या तनाव का असर आपकी इच्छा पर पड़ रहा है?

यदि हाँ, तो शायद यह सही समय है कि महिला कामेच्छा बढ़ाने वाले अतिरिक्त उपकरण पर विचार करे। एक उचित हार्मोनल संतुलन, अच्छा स्वास्थ्य और अंततः अच्छी गुणवत्ता वाला सेक्स प्रदान करेगा।

ब्राह्मी का सेवन कैसे करे?
  • ब्राह्मी को आमतौर पर पाउडर के रूप में 10-15 ग्राम की खुराक सुरक्षित माना जाता है।
  • ब्राह्मी सिरप और इन्फ्यूजन को क्रमशः 25-30 मिली और 8-16 मिली की खुराक पर लिया जा सकता है।

हालांकि किसी भी जड़ी बूटी की सटीक खुराक विभिन्न शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारकों पर निर्भर करती है।

किन लोगो को ब्राह्मी नहीं खानी चाहिए?
  • ब्राह्मी, लीवर की कार्यप्रणाली के साथ काम कर सकती है। इसलिए आमतौर पर सलाह दी जाती है कि ब्राह्मी को हेपेटोप्रोटेक्टिव दवाओं के साथ लेते समय अपने लीवर की निगरानी करें।
  • अगर आपको पेट में अल्सर है तो ब्राह्मी लेते समय अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • अस्थमा या वातस्फीति है तो ब्राह्मी लेते समय अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
ब्राह्मी HSDD fithumarabharat

व्यायाम से अपनी कामेच्छा बढ़ाये

अपने आहार के साथ-साथ, शारीरिक गतिविधियां भी महत्वपूर्ण है। 
यह 5 व्यायाम कामेच्छा और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। नियमित तौर से इनका अभ्यास करके, आप खुद में फरक पाएंगे।

1. शक्ति की ट्रेनिंग (Strength Training)

शक्ति प्रशिक्षण में मांसपेशियों मजबूत होती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि शक्ति प्रशिक्षण- कार्डियो व्यायाम की तुलना में कामेच्छा को अधिक बढ़ाता है – जैसे कि अण्डाकार ट्रेनर (elliptical trainer) या ट्रेडमिल (treadmill) काफी उपयोगी है। क्योंकि कार्डियो की तुलना में शक्ति प्रशिक्षण, से तनाव को दूर किया जाता है।

2. केगल्स (Kegels)

कुछ सूत्रों का सुझाव है कि केगेल (Kegel), श्रोणि (pelvic) की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।

पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। लेकिन महिलाओं में, केगल्स अधिक शक्तिशाली संभोग के लिए योनि की मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं।

आमतौर पर, इन अभ्यासों का उपयोग मूत्र या आंत्र (bowel) बहाव (लीकेज) को नियंत्रण करने की समस्याओं में कारगर है।

3. योग

आयुर्वेदिक योग के चिकित्सकों ने लंबे समय से दावा किया है कि यह अभ्यास विभिन्न प्रकार के यौन विकारों में मदद करता है।
जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन वाले शोधकर्ताओं ने सुझाया कि, योग शीघ्रपतन में मदद करता है और इसे एक सुरक्षित, प्रभावी गैर-औषधीय विकल्प के रूप में मजबूत माना जा सकता है।
एक अन्य अध्ययन में, योग ने महिलाओं में यौन क्रिया के सभी क्षेत्रों में सुधार किया, जिसमें इच्छा, उत्तेजना, स्नेहन, संभोग और संतुष्टि शामिल हैं।
और ये सुधार अधिक उम्र की महिलाओं (≥ 45 वर्ष की आयु) बनाम कम उम्र की महिलाओं में अधिक स्पष्ट थे।

4. चलना

हार्वर्ड के एक अध्ययन के अनुसार, दिन में सिर्फ 30 मिनट चलने से महिलाओं में स्तंभन दोष का खतरा 41% तक कम हो सकता है। 

एक अलग परीक्षण ने संकेत दिया कि इस तरह के मध्यम व्यायाम मध्यम आयु वर्ग के, मोटे पुरुषों में स्तंभन दोष को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।

5. तैरना

चलने के समान, हार्वर्ड के एक अन्य अध्ययन के अनुसार, साप्ताहिक रूप से केवल 30 मिनट के लिए तीन बार तैरने से सेक्स ड्राइव को बढ़ावा मिल सकता है। और तैराकी से वजन कम होता है, जिससे यौन सहन शक्ति में भी सुधार होता है।

यौन शिक्षा और परामर्श (काउंसलिंग) का महत्व

यौन चिंताओं को दूर करने में कुशल सेक्स थेरेपिस्ट से बात करने से मदद मिल सकती है। थेरेपी में अक्सर यौन प्रतिक्रिया और तकनीकों के बारे में शिक्षा शामिल होती है।

आपका चिकित्सक संभवतः आप दोनों कपल को पढ़ने के लिए कुछ सुझाव देंगे और साथ में किये जाने वाले अभ्यास बताएँगे। कपल काउंसलिंग में रिश्ते के मुद्दों को संबोधित किया जाता हैं, जो इच्छा की भावनाओं को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं।

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