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अगर हम मानव शरीर की बात करें तो यह अपने आप में एक अद्भुत सरंचना है। मानव शरीर का एक अद्भुत और अनोखा हिस्सा है जीभ। यह न केवल भोजन पचाने का काम करती है, बल्कि विभिन्न भाषाओं में वाक्यरचना का माध्यम भी होती है। मानव शरीर में जीभ बहुत से काम करती है, भाषा के उच्चारण के साथ साथ हम तरह तरह के सवाद का अनुभव् भी कर सकते है।
आपने बहुत से लोगों को ये कहते हुए सुना होगा की "तेरी जीभ तो काली है", तो क्या आप जानते है की ये काली जीभ के पीछे क्या तथ्य है?
इसी जीभ के एक रहस्यमयी रूप को हम काली जीभ के नाम से जानते हैं। कुछ लोग इसे एक बीमारी के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ लोग इसे अद्भुत शक्ति का प्रतीक मानते हैं। क्या सचमुच में काली जीभ होना एक बीमारी है या यह एक अद्भुत शक्ति का प्रमाण है, इस विषय पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
काली जीभ का अर्थ:
काली जीभ वह स्थिति होती है जब जीभ की ऊपरी परत में मौजूद मेलेनिन के कारण जीभ का रंग काला हो जाता है। इसका कारण विभिन्न तत्वों की मिश्रण और रंग की जननीयता में विभिन्नताएं हो सकती हैं। काली जीभ का यह रूप विशेष रूप से बच्चों में दिखाई देता है, जो जन्म के समय या थोड़े समय बाद हो सकता है। यह असमान रंग की वजह से देखने में अलग होता है, लेकिन क्या यह सचमुच में बीमारी है, यह जानने के लिए हमें आगे बढ़ना होगा।
कारण:
काली जीभ के होने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। जीभ का यह रंग मेलेनिन के प्रादुर्भाव के कारण हो सकता है, जो त्वचा में रंग को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, आयुर्वेदिक तथा आहार संबंधित कारण भी हो सकते हैं। कुछ विशेष आहार जैसे कि तम्बाकू, मसाले वाला खाना, अत्यधिक मीठा खाना आदि काली जीभ के बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
बीमारियों के संकेत:
काली जीभ का एक मानव शरीर की सामान्य स्थिति के रूप में भी होना संभव है, लेकिन कई बार यह किसी गंभीर बीमारी के संकेत के रूप में भी प्रकट हो सकता है। काली जीभ के साथ संबंधित संकेतों में खानपान में बदलाव, जीभ की दर्दनाक तकलीफ, खाने में आसानी से सुखावट आदि शामिल हो सकते हैं। यह संकेत गंभीर बीमारियों के प्रतीक हो सकते हैं और इन्हें उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
आयुर्वेद के नजरिये से:
आयुर्वेद में काली जीभ को “कैरोग्रीवी” के नाम से जाना जाता है, जो कि एक गंभीर रोग के संकेत के रूप में माना जाता है। इसका मतलब नहीं है कि सभी काली जीभ वाले व्यक्ति गंभीर बीमार होते हैं, बल्कि यह उन विशेष स्थितियों को सूचित कर सकता है जिनमें काली जीभ का होना एक संकेत हो सकता है। आयुर्वेद में कैरोग्रीवी का सही से संवालन करने के लिए विशेष आहार और ध्यान की आवश्यकता होती है, ताकि इसे संतुलित किया जा सके।
विज्ञान के नजरिये से:
काली जीभ के विषय में वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान भी किए गए हैं। यह शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है कि काली जीभ के होने का सही कारण क्या हो सकता है और इसके संबंध में कौन-कौन से घटक शामिल होते हैं। इससे हमें यह भी पता चल सकता है कि क्या वास्तव में काली जीभ एक बीमारी है या फिर यह आम स्थिति का हिस्सा हो सकता है।
अद्भुत शक्ति का संकेत:
कुछ धार्मिक तथा आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो काली जीभ को अद्भुत शक्ति का प्रतीक माना जा सकता है। कई धार्मिक कथाएं और लोककथाएं ऐसे चरणिकाओं के बारे में बताती हैं जो काली जीभ के साथ आये थे और जिन्होंने अपनी अद्भुत शक्तियों का प्रदर्शन किया। यह एक आदर्शनीय संदर्भ हो सकता है कि काली जीभ को केवल एक बीमारी के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह एक अद्भुत शक्ति का प्रतीक भी हो सकता है।
निष्कर्ष
आखिरकार, हम कह सकते हैं कि काली जीभ होना न केवल एक बीमारी है, बल्कि यह एक अद्भुत शक्ति का प्रतीक भी हो सकता है। इसका सही कारण और प्रभाव केवल अनुसंधान से ही पता चलेगा। हमें आपसी सहयोग और जागरूकता बढ़ाकर इस विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ताकि हम सच के पास आ सकें और इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ सकें, क्या काली जीभ होना एक बीमारी है या अद्भुत शक्ति?
धन्यवाद 🙏
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