स्वस्थ और निरोगी शरीर- सभी चाहते हैं, लेकिन सटीक समाधान नहीं है? “एक-मात्र उपाय” क्या है?

Healthy Body – What is the “Only Solution” to achieve it!

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शांति से पढ़िएगा।
और सिर्फ पढ़िए नहीं इस पर चलिए भी।
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लोग बीमारियों से घिरे रहेंगे

चाहे इस विश्व के कण कण में hospital खोल दो ,चाहे हर मनुष्य क्या
हर जीव की कोख से Doctor पैदा करवा दो , चाहे दवाईयों के पेड़ या फसल ही बोने लग जाओ , तब भी सब बीमारियों से लोग मरते ही रहेंगे ।

क्यों ????

क्योंकि 👇👇👇🤔🤔

काहु न कोउ सुख दुख कर दाता ।
निज कृत कर्म भोग सब भ्राता ।।*

जब तक हमारे खान पान की शैली , खाद्य अखाद्य की मर्यादा , नियम संयम का पालन नहीं होगा तब तक हम लोग ऐसे ही तड़प तड़प कर मरते रहेंगे ।

इस विश्व के शारीरिक रोगों का एकमात्र कारण असंयमित हमारी कर्म इंद्रीयां हैं। यह छोटी सी मांसल जीभ है

इसी जीभ के स्वाद के लिए लोगों ने भोजन के नियम संयम, आचार, व्यवहार सब खत्म कर दिया और आज hospital में doctors के पैरों पर नाक रगड़कर गिड़गिड़ा कर स्वस्थ की भीख मांग रहे हैं।

बाकी सब सीख लिया स्वस्थ रहना नहीं सीखा।


🤔 जब बोला जाता है कि अपने शरीर में कुछ भी कूड़ा कर्कट मत डालो, तो सब गुस्से से सामने वाले को देखते हैं।

  1. असंयमित खाना,
  2. असंयमित पीना,
  3. बाहर का चाटना,
  4. घर घर अशुद्धता शुद्धता का विचार किये चाटना,
  5. पैकेट बन्द सामग्रियों का खाना,
  6. Pesticides, Insecticides, रासायनिक उर्वरक खा खा कर रक्त, धमनियों और DNA तक भरना,
  7. पानी को इतना फ़िल्टर कर लेना कि उसमें से सब minerals और essentials nutrients निकाल कर पीना,
  8. सुबह सवेरे शाम दोपहर रात जब चाहे तब मुँह चलाना,

कोई समय नहीं, कोई नियम नहीं कि कब खाना, क्या खाना, कितना खाना, कैसे खाना, क्यों खाना। बाकी सब सीख लिया स्वस्थ रहना नहीं सीखा।

हमारे दिखावे की शान शौकत और जीभ को स्वाद मिलना चाहिए

बस भगवान ने मुँह दे दिया तो उसमें कुछ भी कभी भी कैसे भी डाल लो और कुछ भी बकते रहो।न तो बोलने की अक्ल न खाने पीने की अक्ल। अपने खोखले बड़ेपन के घमंड का पहाड़ सिर पर रख रखा है।

आप बड़े बड़े लोगों को सर्दियों में आम और Ice Cream खाते देखा होगा। उनके चेहरे पर दर्प भाव (Proud moment) रहता है कि वो ऐसा फल खा रहे हैं जो उपलब्ध नहीं है और “मैं विशेष व्यक्ति हूं इसलिए मैं खा रहा हूं साधारण व्यक्ति नहीं खा सकता।”

लेकिन उन मूर्खाधिराजों को यही नहीं पता कि यही दर्प भाव हॉस्पिटल और doctor लाखों का तुमसे लूट कर तुम्हे जीवन भर रोगी बनाकर तड़पा तड़पा कर मार रहे हैं।

जब बोला जाता है कि Maid से साफ सफाई का काम करवा लो लेकिन भोजन स्वयं बनाओ तो उसमें नारी सशक्तिकरण घुस कर और आधुनिकता का हवाला देकर hospital में एक bed book करवा लेते हैं।

मर जायेंगे,आह माई आह माई करते रहेंगे लेकिन भोजन maid ही बनाएगी जिसका पता नहीं किस विचार, कौन से तरंगों से, कौन से energy लेवल से, कौन सी भावना डालकर, किस शुद्धता से वह भोजन तैयार करेगी या करेगा।

बस हमारे दिखावे की शान शौकत और जीभ को स्वाद मिलना चाहिए और शरीर को आराम। खा खा कर और आराम करते करते भले ही सारा परिवार बिमारियों और तनाव दो घड़ी चैन से सो भी न पाता हो।

निरोगी शरीर के लिए- एक-मात्र उपाय

पहले दादी-नानी अपने सामने बिस्कुट बनवा कर लाती थी। अब Sauce, बंद biscuits, नमकीन, cold drinks, पिज़्ज़ा, burger, गंदे बासी canned juices हम तीन-चार गुना पैसे से खरीद कर लैपटॉप पर काम करते-करते भक्षण करते रहते हैं।
🤔 लेकिन अजवाईन, हरड़, सौंफ, मेथी दाना, पीपली, गोंद, इत्यादि शायद ही कोई महीने में खाता हो।
यह सब खाने में सबकी नानी मर जाती है लेकिन नानी के साथ साथ यह भी जल्दी hospital के bed पर मरे पाए जाते हैं।
ग़लत काम करेंगे सब खुद लेकिन चिल्लायेंगे Hospital और Doctors को।🤔

💐जिस दिन इस जीभ को संयमित कर लिया तो उसी दिन समझिये कि आप स्वस्थ्य होते चले जायेंगे।

💐जिस दिन अपने kitchen या रसोई को शरीर के मंदिर के तौर पर बनाकर उस रसोई घर को घर का एक औषधालय बना लेंगे तो उसी दिन से आप स्वस्थ्य होते जाएंगे ।

💐जिस दिन आपकी रसोई में आपके घर की स्त्रियों के अलावा किसी अन्य का प्रवेश वर्जित होगा, उसी दिन से आपका Hospitals और Doctors से नाता टूटने लगेगा ।

💐जिस दिन आपने यह व्रत ले लिया कि मुझे बाहर का नहीं खाना और सबके घर घर का नहीं चाटना, उसी दिन से आपके घर से रोग अपनी गठरी बांधने लगेंगे। बहुत ही आवश्यक हो तभी इस व्रत या नियम को तोड़े।

💐जिस दिन आपने यह व्रत ले लिया कि मुझे एकमात्र मौसमी फल और सब्जियों का ही सेवन करना है, ठीक उसी दिन से वैभव और लक्ष्मी अपना बोरिया बिस्तर लेकर आपके घर में ठिकाना बनाने आ जाएंगी।

और एक अन्य महत्वपूर्ण बात 👇👇👇🤔🤔🤔

तन को बली बना लो ऐसा, सह ले सर्दी वर्षा घाम ।
मन को बलि बना लो ऐसा, टेक न छाड़े आठों याम ।।

🤔 मन को ऐसा बलिष्ठ बना लो कि कोई तुम्हें अपने नियम से डिगा न सके ।
ऐसा नहीं कि यार दोस्तों ने कह दिया तो तुम भी अपने घर का संस्कार भुलाकर पीने और मांस सेवन करने लग जाओ।

🤔 मतलब तुम्हारे माँ बाप का संस्कार इतना गिरा था कि अन्य दोस्तों के संस्कार उस पर हावी हो गए ।
तुम इतने कमजोर निकले कि उनकी गलत बातें तुमने ग्रहण कर ली लेकिन अपनी अच्छी बातों या आदतों का प्रभाव तुम उन पर नहीं डाल सके। धिक्कार है तुम्हें तो तुम उनके गुलाम हो।

मैं बार बार कहता रहूँगा कि जिस दिन तुमने अपने रहन सहन, आचार, विचार, खान पान, नियम संयम को संयमित एवं नियमित कर लिया, उसी दिन से सब ठीक हो जाएगा।

🤔वरना तो हॉस्पिटल और डॉक्टर भले ही कोई अपने दोनों जेब में लेकर घूमो या अपने नौ द्वार स्थान में ही घुसेड़ कर क्यों न रखे, वह मरेगा और रोगों से ही मरेगा। कोरोना ही नहीं कोरोना से भी बड़ी बड़ी बीमारियों से मरेगा ।

फिर एक बार सुन लो समझ लो 👇 👇👇👇👇🤔

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा ।
जो जस करहिं सो तस फल चाखा ।।

काहु न कोउ सुख दुख कर दाता ।
निज कृत कर्म भोग सब भ्राता ।।
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दर्शन आश्रम
गांव बुढेडा
गुडगांव
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सूत्रों का कहना है

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9 thoughts on “स्वस्थ और निरोगी शरीर- सभी चाहते हैं, लेकिन सटीक समाधान नहीं है? “एक-मात्र उपाय” क्या है?”

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