दोस्तों, हर छोटे-बड़े दर्द के साथ हम Painkillers लेते हैं। अधिकांश घरों में इबुप्रोफेन (Ibuprofen), एस्पिरिन (Aspirin) आदि, आम नाम बन गए हैं।
आज हम इस ब्लॉग में कुछ प्राकृतिक Painkillers के बारे में बात करेंगे जो आपकी रसोई में आसानी से उपलब्ध हो।
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जोखिम भरी होती है Painkillers जैसे Ibuprofen, Aspirin
- सिर दर्द, दांत दर्द, जोड़ो में दर्द, पीठ दर्द, शरीर में दर्द या किसी अन्य प्रकार का दर्द, हम सभी को कभी ना कभी जरूर हुआ है, है ना?
- सप्ताह में 1-2 बार पेनकिलर खा ही लेते हैं?
- कई बार हम डॉक्टर जांच से भी पहले, इन painkiller दवाइयों का इस्तिमाल कर लेते है?
यदि हां, तो इन पर निर्भर रहना बंद कर दीजिए। यह दर्द से बेशक छुटकारा दिला देती हो, लेकिन शरीर पर इसके साइड एफेक्ट्स हैं।
सभी दर्द निवारक दवाएं बहुत जोखिम भरी होती हैं – इनमें अत्यधिक नशे की लत होने की क्षमता होती है – दुरुपयोग और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ. अंकुर अग्रवाल कहते हैं,
“आयुर्वेद में शरीर के किसी भी अंग में होने वाले दर्द के लिए अलग-अलग दवाएं उपलब्ध हैं। एलोपैथी में ऐसा नहीं है।“
प्राकृतिक चीजें जो दिला सकती हैं दर्द से छुटकारा
शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए आप दवाओं की बजाय नेचुरल पेनकिलर (natural painkiller foods) का सेवन करें। कई प्राकृतिक दर्व निवारक चीजें तो आपके किचन में भी प्रतिदिन मौजूद होती हैं, जैसे अदरक, लहसुन, हल्दी आदि।
1. माइग्रेन और सिर दर्द के लिए – कद्दू के बीज
कद्दू के बीज कई गुणों से भरपूर हैं। इसे खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और तनाव (Depression) जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।
यदि आपको माइग्रेन और सिर दर्द की समस्या रहती है तो कद्दू का बीज (Pumpkin seeds) लाभदायक होंगे।
इसमें Vitamin-C होता है जो दिमाखि केमिकल (न्यूरोट्रांसमीटर) का निर्माण करते हैं। यह केमिकल मूड और नींद को कंट्रोल करने में मदद करता है।
इसमें Vitamin-B, Zinc और Magnesium भी होता है, जो आपको तनाव मुक्त और शांत रखता है।
आप दर्द को कम करने के लिए कद्दू का बीज भूनकर, इसके चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
इसके अनगिनत फायदे है, ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis), पैरों में होने वाली ऐंठन की समस्या, नींद न आने की समस्या, ब्लड शुगर कंट्रोल करना (खासतौर पे टाइप 2 डायबिटीज), दिल को मजबूत बनाना, आंखों के लिए फायदेमंद है कद्दू का बीज।
कितना खाये
हर दिन, एक चौथाई कप (30 ग्राम) खाये, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि कद्दू के बीज खाने से आप सेहतमंद रहते है।
कैसे खाएं
कद्दू का बीज भूनकर, इसके चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
कद्दू के बीजों को पीसकर अपने सलाद में मिला कर खा सकते है।
घर के बने सॉस में मिला कर खा सकते है।
किसे नहीं खाना चाहिए?
ब्लड प्रेशर (या) हाइपोटेंशन (या) प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं (या) पेट गैस, पेट दर्द की समस्या वाले लोगो को (या) मोटापा (या) Hypotension से ग्रस्त हैं इन बीजों का सेवन ना करें।
2. गठिया और दांत दर्द के लिए- लौंग
लौंग (Clove) का इस्तेमाल वर्षों से दांतों और मसूड़ों में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। इसके तेल को कई तरह की दवा बनाने में उपयोग में लाया जाता है। लौंग दांतों की समस्या, सड़न, दर्द, मसूड़ों में होने वाली सूजन को दूर करता है। डेंटिस्ट भी दांतों के दर्द में लौंग का तेल लगाने की सलाह देते हैं।
लौंग में मौजूद यूगेनोल तत्व एक नेचुरल पेनकिलर और एंटीऑक्सी़डेंट की तरह काम करता है।
लौंग में मौजूद यूजेनॉल तत्व प्राकृतिक दर्द निवारक और एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।
कैसे इस्तेमाल करे
सिरदर्द, गठिया और दांत दर्द को शांत कर सकता है। लौंग का तेल लगाएं या पूरी लौंग को 5-10 मिनट के लिए प्रभावित जगह पर लगाएं।
दांत दर्द के लिए एक लौंग को चूस लें या मसूढ़ों पर लौंग का तेल लगाने से तुरंत आराम मिलता है।
किसे नहीं खाना चाहिए?
उचित चिकित्सीय सलाह के बिना लौंग का उपयोग न करें, यदि:
- आपको कोई भी लिवर डिजीज।
- आपको हीमोफिलिया है।
- आपको कोई खाने की एलर्जी है।
- आपका कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है
3. शरीर और जोड़ों का दर्द के लिए- हल्दी कारगर
हल्दी (Turmeric) एक नेचुरल एंटीबायोटिक है। इसमें मौजूद मुख्य तत्व करक्युमिन एक प्राकृतिक पेनकिलर होता है। यह हर पुराने दर्द को ठीक करने की क्षमता रखती है।
हल्दी के फायदे
- घाव भरने में
- हाथ-पैरों का दर्द मिटाएं
- रक्त शोधन
- मजबूत हड्डियां
- अल्सर में
- सूजन में
- अर्थराइटिस के दर्द में
प्रति दिन 500 से 1,000 मिलीग्राम तक अवश्य ले।
कैसे इस्तेमाल करे?
- शरीर, कान, मांसपेशियों में ऐंठन दर्द, होने पर रात सोने से पहले हल्दी-वाला गर्म दूध पीने से आराम मिलता है।
- जोड़ों में दर्द होने पर हल्दी का लेप लगाएं।
- अनगिनत फायदों के लिए, हर सुबह खाली पेट ऐसे करे हल्दी का इस्तेमाल (इनमें से कोई एक तरीका):
- पैन में एक कप पानी ले, उसमें एक चम्मच हल्दी डालें और 5-6 पत्ते तुलसी के।
अब पानी थोड़ा गरम करले और इसे खाली पेट पिए।
आपके शरीर में सारे दिन ऊर्जा रहेगी, थके थके महसूस नहीं करोगे। यहां देखें ओर भी लाभ। - एक गिलास गर्म पानी में शहद मिलाकर, उसे नीम और हल्दी के साथ खाली पेट पिएं। शरीर पर इसके उल्लेखनीय लाभ होते है। तुम भूल जाओगे कि थकान क्या है। यहां देखें ओर भी लाभ
- पैन में एक कप पानी ले, उसमें एक चम्मच हल्दी डालें और 5-6 पत्ते तुलसी के।
4. कमर दर्द के लिए – लहसुन
लंबे समय तक बिना रुके बैठे और काम करना, व्यायाम की कमी पीठ दर्द का मुख्य कारण है।
पीठ दर्द आजकल बच्चो को भी हो रहा है।
यदि हर बार पीठ दर्द होने पर पेनकिलर दवाइयां लेते है, तो इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आपको लहसुन को उपयोग करना आना चाहिए, क्योकि यह केवल पीठ दर्द ही नहीं, बल्कि कई अन्य दर्द में भी कारगर है।
कैसे इस्तेमाल करे?
1. लहसुन – सरसों के तेल
लहसुन की 10 कलियों को 5 बड़े चम्मच सरसों के तेल में मैश कर लें।
मिश्रण को धीमी आंच पर तब तक गर्म करें जब तक कि रंग भूरा (brown) न हो जाए।
इस मिश्रण को लेकर दर्द वाली जगह पर मसाज करें।
कुछ घंटों के लिए इस मिश्रण को लगा रहने दें और फिर गर्म पानी से नहा लें।
इस विधि को दिन में एक बार जरूर। आपको जल्दी दर्द में फर्क दिखेगा।
2. लहसुन-अदरक पेस्ट
लगभग 10 ताजी लहसुन की कलियां और अदरक का एक छोटा टुकड़ा लें।
इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
इसे प्रभावित जगह पर लगाएं और एक साफ मुलायम कपड़े से ढक दें।
इसे आधे घंटे के लिए छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।
ऐसा दिन में एक बार तब तक करें जब तक लक्षण में कमी न हो जाएं।
3. लहसुन-नीलगिरी का तेल
लहसुन की 10 ताजी कलियां लें और उन्हें पीस लें।
अब इसमें 2-3 बड़े चम्मच नीलगिरी का तेल डालें और मिलाएँ।
इसे अब मालिश करें।
कुछ घंटों के लिए छोड़ दें और गर्म स्नान करें।
दिन में एक बार दोहराएं।
4. सुबह खाली पेट लहसुन (1-2) खाएं, तो आपकी पाचन क्रिया मजबूत और पेट की सेहत अच्छी बनी रहती है।
अधिकांश अध्ययनों में पाया गया है कि प्रतिदिन लगभग 1-2 कलियाँ फायदेमंद हैं।
लहसुन के अन्य लाभ
लहसुन (Garlic) से ना सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ता है, बल्कि इसमें एंटीबैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं।
- शरीर में होने वाले दर्द, दांतों के दर्द, पेट दर्द आदि करता है ठीक।
- शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में करे मदद
- डायबिटीज को रोकने में करे मदद
किसे नहीं खाना चाहिए?
यदि लहसुन खाने के बाद कोई भी दुष्प्रभाव देखते हैं तो अपना सेवन कम करे या खाना बंद कर दे।
- वह लोग जिन्हे ज्यादा एसिडिटी की समस्या से पेट दर्द, पेट फूलना और गैस की दिकक्त हो।
- अगर किसी को मुंह से बदबू आने की शिकायत है, तो उन्हें लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अगर आपको सिरदर्द की समस्या रहती है, तो आप लहसुन का अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।
5. पेट दर्द के लिए – लाल मिर्च
लाल मिर्च गुणों की खान है, आती कई काम है।
इससे नज़र उतारी जाती है, किसी की नज़र न लगे, इसलिए दूकानों के आगे लटकाई जाती है।
जब बदमाशों की आँख में झोंकी जाती है, तो महिलाओं की इज्जत भी बचायी जाती है।😊
हमने लाल मिर्च का इस्तिमाल सिर्फ खाने का ज़ायका बढ़ाने में देखा होगा। परन्तु लाल मिर्च, आयुर्वेद में औषधि के रुप में भी प्रयोग किया जाता है।
इसमें कैप्सेकिन नामक तत्व होता है, जो दर्द को दूर करने की क्षमता रखता है। बेशक आप तीखा अधिक ना खाते हों, लेकिन हल्के-फुल्के शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए लाल मिर्च (Red chillies) का सेवन जरूर करें।
मसालेदार खाना खाने या कभी-भी खाने (असमय) से पेट दर्द और गैस समस्या होने लगती है। लाल मिर्च का सेवन औषधि के रुप में करने से आराम मिलता है
कैसे इस्तेमाल करे?
- 100 ग्राम गुड़ में 1 ग्राम लाल मिर्च पाउडर मिलाये।
- अब 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करे
- इस से पेट के दर्द या पेट दर्द में आराम मिलता है।
लाल मिर्च के अन्य लाभ
यह दवा से भी अधिक असरदार होती है। लाल मिर्च जोड़ों के दर्द, सूजन, नसों में होने वाले दर्द को कम कर सकती है। इतना ही नहीं, लाल मिर्च आप तब जरूर खाएं, जब आपको सिरदर्द हो।
भूख ही नहीं लगती
कई ऐसे भी होते है जिनकी खाने की इच्छा नहीं होती या जिन्हे भूख ही नहीं लगती।
आयुर्वेद के हिसाब से, पित्त प्रकोप के कारण जिसको खाने में अरुचि उत्पन्न हो गई हो, भूख न लगती हो तो, लाल-मिर्च बीज तेल की 5-10 बूंद को बतासे में भरकर या शक्कर के साथ खाने से अत्यन्त लाभ होता है।
गले में दर्द से जल्दी राहत
1 लीटर पानी में 10 ग्राम पिसी हुई मिर्च (मिर्च ज्यादा तेज हो तो 5 ग्राम या आवश्यकतानुसार कम ज्यादा करें) डालकर काढ़ा बना लें।
इस पानी का कुल्ला करने से मुँह में घाव और सूजन तथा गले में दर्द से जल्दी राहत मिलती है।
रोजाना सिर्फ 30 ग्राम तक मिर्च का ही सेवन करें।
अधिक लाल मिर्च खाने के नुकसानः
- कुछ भी अत्याधिक, नुकसान-दायक होता है। अत्याधिक लाल मिर्च खाने से इस से आपको डायरिया, अस्थमा और छाले होने की संभावना है।
- मिर्च का अधिक सेवन पित्त वाले व्यक्तियों के लिए अच्छा नहीं होता।
6. व्यायाम और खेल-कूद से शरीर दर्द, सूजन के लिए – अदरक
अदरक में मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल तत्व कई तरह के लाभ पहुंचाते हैं।
अदरक में जिन्जेरॉल नाम का एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, जो मांसपेशियों और ज्वाइंट्स पेन को दूर करता है।
यह एक औषधि की तरह शरीर में जाकर असर करता है।
एक दिन में 25 ग्राम खाना चाहिए
अदरक के फायदे
- जब भी शरीर या मसल्स में आपको दर्द महसूस हो, तो अदरक (Ginger) का जूस या एक टुकड़ा चबाकर खाएं।
- मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न या दर्द होने पर भी अदरक राहत दे सकता है।
- पेट दर्द होने पर भी आप अदरक का जूस पी सकते हैं या आप अदरक का एक टुकड़ा गैस पर सेंक कर खाएं।
- माइग्रेन के दर्द में।
- कच्चा अदरक हार्ट के लिए, और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में काफी लाभदायक माना जाता है।
अंत में
कुछ शोध बताते हैं कि Ibuprofen, Aspirin जैसी गैर-स्टेरायडल (nonsteroidal) दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से पेट के अल्सर, गुर्दे की विफलता (kidney failure) और स्ट्रोक (heart attack) का खतरा बढ़ जाता है।
हम सभी को ऊपर दिए गए प्राकृतिक दर्द निवारक (painkiller) को आजमाना चाहिए। यह सारे आपकी रसोई में आसानी से मिलने वाली चीज़े है।
दर्द अधिक गंभीर होने पर यह आपको तुरंत राहत नहीं दे सकते, उस समय अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
जसवीर आपका लेखन व्यवाहारिक है पर आज समय के अभाव मे pain killer एक विकल्प मान लिया
अनुभव और आपके उदाहरण सही हैं अपनी संस्कृति को जिंदा रख रहे हो
गृहणी चाहे तो आपके बताए नुकशे बडे उपयोग मे लाए जा सकते बात बात पर एलोपैथिक शाप पर जाना कम हो सकता है
शाबाश ऐसी दवा इलाज देशहित मे योगदान भी है
Very useful tips