दाँत रहे मस्त🦷 दर्द रहे अस्त! Use Oil-Pulling with तिल-का-तेल, फ़ायदे मिले जबरदस्त💪!

आज के ब्लॉग में रसोई में पाए जाने वाले तिल-के-तेल के साधारण उपयोग से आपके दांतों को स्वस्थ रखेंगे।
आयुर्वेद में Oil Pulling- एक अनुशंसित तरीका है, जो दांतों की समस्या से पीड़ित के लिए बहुत प्रभावी तकनीक है।

आयुर्वेद और दंत स्वास्थ्य

आयुर्वेद में, दंत स्वास्थ्य – प्रत्येक व्यक्ति के दो चीज़ पर निर्धारित है:

दंत चिकित्सा आयुर्वेद की विशेष शाखा नहीं थी, लेकिन यह शालाक्य तंत्र (सर्जरी की प्रणाली) में शामिल है।

प्राचीन भारत में मौखिक का असामान्य आकार, दाँतों पर हानिकर परत और संक्रमण जैसी समस्याओं का इलाज किया जाता था।

यह दांतों की सड़न और नुकसान को ठीक करने में मदद करता है।

Ayurveda and Oral health with Oil Pulling

आयुर्वेद भारत की एक पुरानी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है, जो लगभग 3000-5000 साल पहले विकसित हुई थी।

पारंपरिक चिकित्सा के स्वदेशी सिद्धांतों, विश्वासों और अनुभवों के आधार पर ज्ञान, कौशल और प्रथाओं का कुल योग है।
जिसका उपयोग स्वास्थ्य को रखने, शारीरिक और मानसिक बीमारियों को रोकने, निदान, सुधार या इलाज के लिए किया जाता है।

Oil-Pulling क्यों?

दांतों की मजबूती और लगभग 30 समस्याओं के लिए आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद में Oil pulling का जिक्र है।

आयुर्वेद का क्या कहना है?

आयुर्वेदिक ग्रंथ चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में Oil Pulling का उल्लेख
‘कवला ग्रह‘ या ‘कवला गंडूष’ के रूप में किया गया है।

यह दांतों को स्वस्थ और समस्याओं के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा है।

Oil Pulling के लिए अलग-अलग तरह के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे –


यह उन लोगों के लिए बहुत मददगार है जो Dental Clinic का खर्चा अफोर्ड नहीं कर सकते, क्योंकि इसमें जो तेल लगता है वह हर घर में आसानी से उपलब्ध होता है

Modern Science का क्या कहना है?

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच NHI) के अनुसार, हाल ही में Oil Pulling के स्वास्थ्य लाभों के समर्थन में कई अध्ययन किए गए हैं। वे कहते हैं –

“मौखिक स्वास्थ्य देखभाल को बनाए रखने के लिए टूथ ब्रशिंग और फ्लॉसिंग के साथ Oil-Pulling का उपयोग सुझाया जा सकता है।”

Use of Oil-Pulling may be recommended along with tooth brushing and flossing to maintain oral health care.

अध्ययन से पता चला Oil-Pulling, दंत स्वास्थ्य के लिए जबरदस्त

ResearchGate के एक अध्ययन में 40 दिनों में बैक्टीरिया की संख्या में 20% की कमी देखी गई जब तिल-के-तेल का Oil-Pulling में उपयोग किया।

एक दूसरे अध्ययन में, 6-12 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन दो बार Oil Pulling दो सप्ताह दिया गया, लेकिन कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं मिला।
हालाँकि परिणाम शायद इस तथ्य के कारण हो सकता है कि Oil Pulling में अपना प्रभाव दिखाने में कम से कम चार सप्ताह लग सकते हैं।

एक अन्य अध्ययन में तिल के तेल में जीवाणुरोधी (antibacterial) गतिविधि पाई गई।

एक स्टडी में 20 लोगों को अगले 14 दिनों तक Oil Pulling करने को कहा गया, जिसमें तिल का तेल मसूड़े की सूजन (Plaque) के खिलाफ प्रभावी पाया गया।

तीन लेखकों ने मसूड़े की सूजन और जीवाणुओं पर, तिल के तेल के प्रभाव पर एक सूक्ष्मजीवविज्ञानी अध्ययन किया।
और निष्कर्ष निकाला कि तिल-के-तेल के साथ Oil Pulling एक प्रभावी मौखिक स्वच्छता पद्धति है जब हम इसका अभ्यास रोज करते है।

ऐसे करे Oil-Pulling

सुबह नाश्ते से पहले

  1. एक बड़ा चम्मच तिल का तेल, मुँह में ले और लगभग 20 मिनट के लिए मुँह के अंदर चारों ओर अच्छे से घुमाये।

  2. तेल को बिलकुल भी न निगलें; बस इसे इधर-उधर घुमाएँ जैसे आप नार्मल माउथवॉश करते है।

  3. पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में एक छोटा चम्मच तेल का उपयोग करे।

  4. फिर 20 मिनट बाद इसे थूक दे और मुंह को साफ गरम पानी (या) नार्मल पानी से अच्छी तरह धो ले और दांतों को उंगलियों से साफ करले (या) नियमित टूथ ब्रश कर ले।

  5. अंत में अगर प्रक्रिया सही ढंग से की जाती है, तो चिपचिपा तेल दूधिया सफेद और पतला हो जाएगा

ध्यान रहे

यदि इस प्रक्रिया को करते समय मसूड़े (या) जबड़ा दर्द करता है, तो प्रक्रिया केवल 5-10 मिनट के लिए की जा सकती है।

तेल को सिंक में नहीं थूकना चाहिए क्योंकि तेल पाइपों को बंद कर सकता है। इसके बजाय, तेल को कूड़ेदान में या कागज़ के तौलिये पर थूकना चाहिए।

तेल कोल्ड प्रेस्ड होना चाहिए।

कौन करे और कौन नहीं ?

  1. कोई भी सामान्य व्यक्ति कर सकता है।
  2. इसे 5 साल से ऊपर के बच्चे सिर्फ 1 छोटे चम्मच तेल से कर सकते हैं। बच्चों को आयल पुल्लिंग करने के लिए नहीं कहा जाता है, क्योंकि वे निगल जाते हैं।
  3. मुँह के अल्सर, बुखार, उल्टी, अस्थमा के मामलों में और जहां ब्रश करना मुश्किल होता है, मुख की स्वच्छता बनाए रखने के लिए ऑयल पुलिंग का लाभकारी रूप से उपयोग किया जा सकता है
  4. यदि आपको तिल के तेल से एलर्जी है, तो आप नारियल तेल या सूरजमुखी के तेल को इस्तिमाल कर सकते है।

क्या Oil-Pulling के कोई दुष्परिणाम है?

ऑयल पुलिंग के कोई शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं हैं।
हालाँकि कुछ लोगो को शुरू मे जबड़े में दर्द या हल्का सिरदर्द हो सकता है।
इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि तेल निगला न जाए, अगर गलती से थोड़ी मात्रा में तेल निगल लिया तो चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि यह मल के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे पेट खराब या दस्त हो सकता है।

तिल-का-तेल ही क्यों? Why Sesame Oil for Oil-Pulling!

वैसे अन्य आर्गेनिक तेल हैं जिनका उपयोग तेल खींचने के लिए किया जा सकता है। जैसे सूरजमुखी-का-तेल (या) नारियल-का-तेल। उनके अपने फायदे हैं। परन्तु तिल-का-तेल सबसे बेहतरीन है।

Sesame Oil Til ka teil for Oil pUlling

तिल के बीज से निकाला जाने वाला खाद्य तेल है। तिल के तेल का उपयोग खाना पकाने और खाद्य सामग्री के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग औषधीय, मार्जरीन, साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी किया जाता है।

  1. तिल का तेल मसूड़े की सूजन, दांतो में पिली परत (Plaque) को कम करने के लिए पाया गया है।
  2. तिल की जड़ (सीसमम इंडिकम) में क्लोरोसेमोन होता है जिसमें एंटीफंगल क्षमता होती है।
  3. इसके अलावा तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी-एसिड मुँह में होने वाली अंदुरनी चोट को कम करता है (Cavity)।

निष्कर्ष

वर्तमान में उपलब्ध शोध और अध्यन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि तिल-का-तेल Oil Pulling को नियमित ब्रशिंग के साथ, दंत स्वास्थ्य के लिए एक पारंपरिक, सस्ता और जबरदस्त तरीका है

समस्या यह है कि मीडिया ऐसी चीजों में कम दिलचस्पी लेता है। हालाँकि, उचित प्रचार के साथ, हम इस पद्धति को कई लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं, जो महंगे dental उपचार का खर्च नहीं उठा सकते हैं, उनके लिए ऐसा सस्ता तरीका दांतों की सड़न और नुकसान को रोकता हैं।

हम पारंपरिक चिकित्सा के इतिहास वाला देश हैं, और हमारी राष्ट्रीय नीति में पारंपरिक चिकित्सा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में समर्थन और एकीकृत करना चाहिए और इसका खूब प्रचार भी जरुरी है।

मेरा आपसे अनुरोध है की आप इस ब्लॉग को आगे फॉरवर्ड और शेयर करे।

जय हिन्द!🙏

आपका बेटा, भाई, दोस्त –
जसवीर सिंह

सूत्रों का कहना है

  1. Tooth brushing, oil pulling and tissue regeneration: A review of holistic approaches to oral health – PMC (nih.gov)
    Published 2011 Apr-Jun
  2. Oil pulling for maintaining oral hygiene – A review – PMC (nih.gov)
    Published online 2016 Jun 6
  3. 2017, 1(2): 000112. (medwinpublishers.com)
    Published online 2017 Aug 21
  4. Role of Ayurveda in management of oral health – PMC (nih.gov)
    Published 2014 Jan- June
  5. Effect of coconut oil in plaque related gingivitis — A preliminary report – PMC (nih.gov)
    Published 2015 Mar- Apr
  6. Anand: Effect of oil-pulling on dental caries causing… – Google Scholar
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