औरत होना अपने आप में ही एक शक्ति है, जिससे पूरी दुनिया की नीव कायम है। अपनी मां बहन पत्नी या बेटी के रूप में हम औरत को देवी के रूप में अपने आस पास पाते है।
जिस तरह औरत का शरीर प्रेगनेंसी जैसे मैजिकल प्रोसेस के लिए बना है, उसी तरह उसके औरतों में मर्दों के मुकाबले कई हेल्थ इश्यूज पाए जाते हैं।
इनमें से एक है ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis)।
Table of Contents
अध्ययन और आंकड़ों का क्या कहना है ?
- आंकड़ो के अनुसार भारत में 10 करोड़ से भी ज्यादा व्यक्ति ओस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है।
- इनमें 80% यानी 8 करोड़ यह केवल महिलाएं हैं।
- आने वाले सालों में हर 3 में से एक महिला को ओस्टियोपोरोसिस होने की संभावना है।
- अगर गंभीरता से नहीं लिया गया तो, महिलाओं में हड्डिया टूटना एक आम बात होजायेगी। (1)
लेकिन इन सब में भी एक अच्छी खबर ऐसी है पहले के जमाने में लोगों को लगता था ओस्टियोपोरोसिस उम्र बढ़ते जाने के बाद सभी को 1 दिन होगा। लेकिन आयुर्वेदा में इसके प्रिवेंशन, लक्षण और उसे ठीक करने के कुछ नुस्खे लिखे गए हैं जो हम आजमा कर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से दूर रह सकते हैं। हड्डियों का ध्यान रखने हम कभी भी टू यंग या टू ओल्ड नहीं होते।
अच्छी लाइफ स्टाइल और हेल्दी आदतों से हम अपने हड्डियों को स्ट्रांग बनाकर ओस्टियोपोरोसिस होने के चांसेस कम कर सकते हैं। अगर आपके फैमिली डॉक्टर ने आपके हड्डियों के हेल्थ के बारे में आपसे बातचीत चालू ना की हो तो आप ही सामने से इस विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आइए जानते हैं ओस्टियोपोरोसिस का खतरा किसे ज्यादा है?
यदि आप इनमे से किसी कैटेगरी में है तो आपको अपनी हड्डियों का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
- समय से पहले menopause (उम्र < 40 वर्ष) वाली महिलाए जिनमे एस्ट्रोजन की कमी होने लगती है।
- वह महिलाएं जिन्होंने सर्जरी कराके अपने अंडाशय हटा दिया है।
- पहले से मौजूदा मेडिकल कंडीशंस।
- विटामिन-D की कमी वाले।
- स्टेरॉयड या अन्य दवाओं का लंबे समय तक उपयोग, हड्डी को प्रभावित कर सकती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस को दूर करे, कैल्शियम की पूर्ति पूर्ण करे।
कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं | फूड टिप्स |
डेरी या मिल्क प्रोडक्ट्स उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि। | जितना हो उतना नेचरल मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन करें। चॉकलेट मिल्क, स्ट्रॉबेरी मिल्क और खोआ जैसे फ्लेवर्ड मिल्क से दूर रहे, क्योंकि इनमें चीनी डाली जाती है जो हमारे सेहत के लिए हानिकारक है। |
हरे पत्ते वाली सब्जियां जैसे कि सिमला मिर्च, ब्रॉकली, मेथी, पालक, बीन्स लौकी आदि। | ऑयली फुडस्टफ या अनहेल्थी तरीके से बनने वाले खाना पकाने की विधि का उपयोग न करे। डेली लाइफ का उदाहरण ले तो तले हुए पापड़ के बदले हम रोस्टेड पापड़ का सेवन कर सकते हैं। |
पिस्ता अखरोट, बादाम, तिल आदि जैसे पदार्थ का सेवन करें। | बिना ज्यादा नमक और चीनी वाले प्रॉडक्ट्स को न चुनें। स्ट्रॉन्ग बोन्स के लिए ड्राई फ्रूट्स खाए। |
फल जैसे कि संतरे, अंजीर, किशमिश, सूखी अंजीर को हमेशा खाए। | ऐसे सूखे मीठे फल खाए जिनमें नाचूरल शुगर हो और ऊपर से चीनी ना डालने पड़े। |
स्ट्रांग बोन्स पाने के लिए टिप्स
हर रोज एक घंटा वर्कआउट करे।
जरूरी नहीं के आपको जीम जाके हेवी वर्कआउट करना पड़ेगा बल्कि सिंपल एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, रनिंग, योगा और कॉर्डियो काफी फायदेमंद है। (कृपया यह पढ़े)
जंक फूड से दूर।
इस बीमारी से बचने के लिए अपने आपको अनहेल्दी जंक फूड से दूर रखिए।
ऐसी चीजों का सेवन ना करें जिनमे सोडियम और ट्रांस फैट का प्रमाण ज्यादा होता है।
बीन्स खाये
फलिया यानी बीन्स के भी कई लाभ हैं। बीन्स में मेटल, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषण तत्व होते हैं जिनसे हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती हैं।
वजन नियंत्रण में रखे।
वजन नियंत्रण में ना रहना या वजन बढ़ने से हड्डी पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द हो सकता है, इसलिए कैलोरीज को नियंत्रण में रखें।
Vitamin-D
पर्याप्त Vitamin-D प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से सूरज की रोशनी, सबसे प्राकृतिक तरीका है। सुबह की धुप हमारे लिए बहुत हितकारी है।
कैफीन का सेवन रिड्यूस करे।
अगर आपको चाय कॉफी बोहोत पसंद है तो उनकी जगह आप हर्बल ड्रिंक या नींबू पानी को अपने रोजाना के जीवन में शामिल करे।
एल्कोहॉल या सिगरेट सेवन करने से बचें।
मेरा बचपन 👩
मेरे परिवार में ही मेरे मासी और मासा डॉक्टर होने के कारण, बचपन से हेल्थ और फिटनेस को अधिक महत्व दिया जाता था।
मासी हमे हमेशा स्ट्रॉन्ग बोन्स का इंपोर्टेंस समझाया करती थी। मुझे याद है स्ट्रॉन्ग बोन्स और विटामिन-D का गहरा रिश्ता होने के कारण हमारा पूरे बच्चों-की-फ़ौज को सुबह-सुबह 8 बजे गैलरी मे धूप में बिठाया जाता था। यह विटामिन-D पाने का सहज और प्राकृतिक तरीका है। (आप मेरे बचपन की तस्वीर देख सकते हैं, हालांकि यह धुंधला है।)
इसके बाद दूध और बादाम खाना भी हमारा रुटीन ही था।
बचपन में भले ही इन सब चीजों का महत्व न समझता हो पर आज इन्ही सब चीजों को फॉलो करके स्ट्रॉन्ग बोन्स होने का फायदा, हमे अब हो रहा है।
निष्कर्ष
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए आपको समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए और अपनी सेहत में दिख रहे चिंताजनक लक्षणों के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यदि आप माता-पिता हैं, तो अपने बच्चों को शुरुआती दिनों से ही बाहर खेलने के लिए प्रेरित करे।
बीमारी चाहे कोई भी हो उसे दूर रहने के लिए हेल्दी लाइफ़स्टाइल फॉलो करना सबसे ज्यादा जरूरी है तो याद से अपने हेल्थ और फिटनेस के लिए ऊपर दिए गए सुझाव को फॉलो कीजिए।
Wow! At last I gott a blog from where I bbe able to truly tske
valuable information concernbing my studey andd knowledge.