🌹🌹हमें कितने पैसों की जरूरत है। 🌹🌹
हम सब अपने बैंक खाते को भरने के लिए एक जगह से दूसरी जगह, दौड़े जा रहे हैं। यह बुरा नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि कितना पैसा अच्छा और ज़रूरी है?
बड़े-बुजर्ग, साधु-संगत - कहते आये हैं कि - "4 पैसे होना काफी है"
4 पैसे क्यों ज़रूरी हैं ?
बचपन में बुजुर्गों से एक कहानी सुनते थे कि…
इंसान 4 पैसे कमाने के लिए मेहनत करता है या…
बेटा कुछ काम करोगे तो 4 पैसे घर में आएँगे या…
आज 4 पैसे होते तो कोई ऐसे ना बोलता।
यह सुनने के बाद हमें ऐसा प्रश्न पूछना चाहिए?
- आख़िर क्यों चाहिए ये चार पैसे और चार ही क्यों तीन या पाँच क्यों नहीं?❓
- तीन पैसों में क्या कमी हो जायेगी या पांच से क्या बढ़ जायेगा?❓
आइये… समझते हैं कि इन चार पैसों का क्या करना है?
पहला पैसा भोजन है!
अर्थात अपना तथा अपने परिवार पत्नी, बच्चों का भरण-पोषण करना, पेट भरने के लिए।
दूसरे पैसे से पिछला कर्ज़ उतारना है!
अपने माता-पिता की सेवा के लिए उनके द्वारा किए गये हमारे पालन-पोषण कर्ज़ उतारने के लिए।
तीसरे पैसे का आगे क़र्ज़ देना है!
सन्तान को पढ़ा-लिखा कर क़ाबिल बनाने के लिए ताकि आगे वृद्धावस्था में वे आपका ख़्याल रख सकें।
चौथे पैसे को कुएं में डालना है!🤔
अर्थात शुभ कार्य करने के लिए दान, सन्त सेवा, असहायों की सहायता करने के लिए, यानि निष्काम सेवा करना, क्योंकि हमारे द्वारा किए गये इन्हीं शुभ कर्मों का फल हमें इस जीवन के बाद मिलने वाला है।
यही है 4 पैसों का गणित!
इन कार्यों के लिए हमें चार पैसों की ज़रूरत पड़ती है, यदि तीन पैसे रह गए तो कार्य पूरे नहीं होंगे और पाँचवे पैसे की ज़रूरत ही नहीं है।
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धन्यवाद🙏
दर्शन आश्रम
गांव बूढेडा,
सरकारी स्कूल के सामने,
गुडगाँव 122505
सूत्रों का कहना है
CAN MONEY MAKE US HAPPY –WHAT SAYS LORD KRISHNA
Agree…whole life is arround these 4 Paisa ONLY
यह लेख आध्यात्मिक ज्ञान रखने वालो की नई पीढी के लिए एक जीवन जीने का रास्ता दिखाता है ,जरूरत से ज्यादा पैसे कमाने की अंधी दौड से खुशी जीवन नही है जो गुडगाँव जैसे शहर मे संस्कार हीनता बढती जा रही है
आपकी जरूरत चार पैसा ही है , आप सीमित जरूरत नेक नीयत मेहनत से वो पूरी हो सकती हैं
लेेख पढने से बहुत सरल तरीके से समझ मे आना चाहिए
लेखक बधाई के पात्र हो ऐसी सोच को आगे बढा रहे हो और असहाय ,साधनहीन परिवारो की मदद के लिए साथियो को प्रेरित कर रहे हो