Lifestyle Issues That Delay Conceiving; also cause Infertility! आज ही छोड़े यह आदते 🤷‍♂️

यह जीवन-शैली आपके गर्भधारण के सपनों को प्रभावित कर रहे है? गर्भधारण में देरी का क्या कारण है?

दुनिया में एक नया जीवन लाना कई जोड़ों, दम्पति का सपना होता है। हालाँकि, गर्भधारण करना हमेशा उतना आसान नहीं होता जितना लगता है। जबकि मेडिकल स्थिति एक प्रमुख कारण हो सकती हैं, परन्तु आपकी जीवनशैली, आपके गर्भ धारण की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

जीवनशैली से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो गर्भाधान में देरी कर सकती हैं। और देर-सबेर बांझपन का कारण भी हो सकता है।

Infertility: यह चिंता का विषय क्यों है?

WHO के अनुसार, बांझपन को दुनिया की पांचवीं सबसे गंभीर समस्या के रूप में रैंक करता है।

बांझपन (Infertility) दुनिया की लगभग 10% आबादी को प्रभावित करता है।

1981भारत में, प्रजनन आयु में महिलाएं लगभग 13% निःसंतान थीं, जो 2001 में बढ़कर लगभग 16% हो गईं।

यह बिना किसी संदेह के स्थापित होता है कि भारत में, शहर और गांवो में बांझपन एक प्रमुख चिंता का कारण बन गया है।

यदि आप कुछ समय से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हैं और सफलता नहीं मिल रही है, तो यह आवश्यक है कि आप अपनी जीवन शैली का आकलन करें।

यहाँ कुछ सबसे आम मुद्दे हैं जो गर्भधारण में देरी कर सकते हैं:

1. ख़राब आहार और पोषण |Poor Diet and Nutrition|

आप जो खाते-पीते हैं, वह आपकी प्रजनन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन और मिनरल्स की कमी से हार्मोनल असंतुलन होता है जो गर्भधारण में देरी का कारण बनता है।
कैफीन, शराब और प्रोसेस्ड फ़ूड का अधिक सेवन भी प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

Poor diet is one of the lifestyle issue for delay in Conceiving with fithumarabharat
तला हुआ भोजन खराब आहार की पहचान

2. शारीरिक श्रम की कमी वाला जीवन शैली |Sedentary lifestyle|

एक ढीला जीवन शैली का नेतृत्व करने से आपकी प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। व्यायाम की कमी से वजन बढ़ सकता है, जो हार्मोन के स्तर, मासिक धर्म चक्र और ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। नियमित शारीरिक गतिविधि से आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है, स्वस्थ वजन बनाए रख सकते हैं और प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है।

Sedentary lifestyle is one of the issue for delay in Conceiving with fithumarabharat
आजकल लैपटॉप पर पूरे दिन बैठने और काम करने से हमारा जीवन, शारीरिक श्रम की कमी वाला हो गया है

3. धूम्रपान |Smoking|

धूम्रपान पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन के लिए बहुत जोखिम भरा कारण है। धूम्रपान शुक्राणु (Sperms) और अंडे की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। धूम्रपान छोड़ने से आपके गर्भधारण की संभावना काफी बढ़ सकती है।

Smoking is one of the issue for delay in Conceiving with fithumarabharat
महिलाएं धूम्रपान करती हुई

4. तनाव |Stress|

तनाव आपके शरीर के हार्मोनल संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जो आपके मासिक धर्म चक्र और ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। तनाव पुरुषों में शुक्राणु और वीर्य की गुणवत्ता को भी कमजोर करता है।
व्यायाम, ध्यान या चिकित्सा के माध्यम से तनाव से बचा और प्रजनन क्षमता में सुधार करा जा सकता है।

Pic: Pixabay

5. पर्यावरण विष |Environmental toxins|

कीटनाशकों, केमिकल रसायनों और प्रदूषण जैसे ज़हरीली चीज़ो के संपर्क में आने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। जितना संभव हो सके इन विषाक्त पदार्थों के संपर्क को सीमित करना आवश्यक है।

Pic: Pixabay

अंत में

बच्चे पैदा न करने में असमर्थ, जोड़ों को प्रभावित करती है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक संकट पैदा करती है।

आपके जीवनशैली का प्रजनन क्षमता पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अपने गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए, एक स्वस्थ आहार बनाए रखना, नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न होना, धूम्रपान छोड़ना, तनाव को दूर रखना और पर्यावरण के विषाक्त पदार्थों के संपर्क को सीमित करना आवश्यक है।

स्वस्थ जीवन शैली की आदतों को अपनाने से, आप अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ा सकते हैं।

जय हिन्द🙏

आपका बेटा, भाई, दोस्त –
Jasveer Singh

सूत्रों का कहना है (References)

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  9. Prevalence of hypothyroidism in infertile women and evaluation of response of treatment for hypothyroidism on infertility
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3 thoughts on “Lifestyle Issues That Delay Conceiving; also cause Infertility! आज ही छोड़े यह आदते 🤷‍♂️”

  1. आपके लेख मे सामान्य हिदायतो को दिनचर्या
    मे अमल मे लाने के ऊपर महत्व दिया है
    ,समस्या की जड यह भी है कि आज के कामकाजी नौजवान जोड़े पश्चिम सभ्यता की तरफ आकर्षित हो गए हैं और नशा शराब बाहर का तला खान पीन के शौकीन हो गए है
    सही समय शादी-ब्याह के 2-3 तक बचचे बना लेने चाहिए ,पर उन्हे आजादी मे दखल लगती है बचचो की जिम्मेदारी
    बाद मे तंग पाते हैं और बच्चो का सुख , भावनात्मक लगाव से वंचित होने का खतरा मौल ले लेते हैं
    आपका लेख पढने के बाद सही सलाह माने ,जीवन शैली बदले और हम उम्मीद लगांए नौजवान जोड़े अपना विचार बनाए और सही समय 30-32 की उम्र तक परिवार बढा लें
    बुजुर्ग दादा दादी नाना नानी का दर्जा हासिल कर के सुख महसूस करते हैं और उनका पालन पोषण करके मरना चाहते है यही सब आपके लेख से समझ मे आया
    शाबाश अच्छा लिखा और आगे भी लिखते रहो

    प्रतिक्रिया

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