बेल -“गर्मी में रामबाण, शंकर का प्रिय फल”! लाभ व खाने की विधी, ऐसे बनता है बेल का ज़हर।

आजकल बेल के शरबत की रेहडीयाँ जगह जगह लगी हुईं हैं। कुछ लोग घरों में भी बेल का शरबत बना कर पीते हैं। आजकल जो बेल आ रहा है वह कार्बाइड से पका हुआ आ रहा है।

पेड़ की डाल पर पका हुआ बेल जुलाई अगस्त में आएगा। 

डाल पर पका हुआ बेल सबसे ज्यादा स्वादिष्ट व गुणकारी होता है। पेट के समस्त रोगों के लिए रामबाण का काम करता है।

हम तो अपनी तुच्छ बुद्धी से ईश्वर की बनाई रचना का व्याख्यान करते हैं। मगर सच तो यह कि हम दुनिया बनाने वाले की किसी भी चीज का व्याख्यान कर ही नहीं सकते। जो कुछ ईश्वर ने समय समय पर मौसम के अनुसार दिया है उसको नमस्कार करके प्रेम व श्रद्धा से खाएँ। ईश्वर की बनाई सारी वस्तुएँ हमारे हित के लिए ही होती हैं।

बेल इतना प्रभावी क्यों है?

बेल के अन्दर एक गूदँ जैसा चिपचिपा पदार्थ होता है और बारीक बारीक तारों का जाला होता है। चिपचिपा पदार्थ जो हमारे पेट व आँतो की गंदगी को अपने साथ चिपका लेता है और छोटे छोटे तारों का बना हुआ जाला जैसे हम जूने और ब्रुश से रगड़ रगड़ कर बर्तन साफ करते हैं वैसे ही वह जाला हमारे पेट और अंतड़ियों को अंदर से रगड़ रगड़ कर साफ़ करता है। हमारा पेट व आँते साफ हो जाती है। कब्ज खुल जाती है शरीर में नया खून बनने लगता है। बाल काले होने लगते हैं।

जब हम बेल का शरबत बनाते हैं तो पानी मिलने से गूँद वाला चिपचिपा पदार्थ पतला हो जाता है इसलिए शरीर की गंदगी को अपने साथ नहीं चिपका पाता। इसलिए शरीर की ना तो सफाई होती है ना पूर्ण पोष्टिकता मिलती है। बेल खाने बाद कम से कम दो तीन घंटे तक कुछ न खाएं। हम बेल खा कर अपने मन की तस्सली कर लेते हैं। मगर हम पूर्ण लाभ नहीं ले पाते।

कैसे इस्तिमाल ना करे? ऐसे बनता है बेल का ज़हर

लोग बेल का शरबत बना कर उसमें चीनी दुध मिला कर पीते है। चीनी एक मीठी जहर है। लोग बेल का गुद्दा निकाल कर पानी में भिगो देते हैं। फिर उसको हाथ में मसलकर जाला और बीज निकल देते हैं। फिर मिक्सी में डालकर दूध चीनी मिलाकर शर्बत बनाकर पीते हैं।

इस प्रकार हम अमृत को ज़हर बनाकर पीते हैं।

जिसकी लोगों को जानकारी नहीं है। दुध शुद्ध मिलता नहीं। थैली का दुध भी जहर से कम नहीं। कोई पाउडर से बनाता है कोई यूरीआ से। दुध को कई दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए इसमें फर्मोलीन मिलाई जाती है यह भी जहर है। शुद्ध देसी गाय का दुध मिलता नहीं।

इस प्रकार हम ईश्वर के दिए हूऐ अमृत को भी जहर बना कर खाते हैं। इसलिए हमें लाभ नहीं होता। 

कैसे इस्तिमाल करे? खाने की विधी

  • बेल का पूर्ण लाभ लेने के लिए डाल के पके हुए बेल को बीच में से तोड़ कर दो टुकड़े कर लें।
  • जो ऊपर से हल्का पीला होता है वह पका हुआ होता है। अन्दर वाले गुद्दे को चमच से खायें।
  • जो बीज मुँह में आएं उनको उँगली से निकालते जाए।
  • अन्दर में खोल के साथ लगे हुए गुद्दे को चमच से रगड रगड कर खाऐ

ओर फिर बेल खाने का चमत्कार देखे।

Bael

बेल के लाभ

पाचन स्वास्थ्य:

बेल पाचन स्वास्थ्य के लिए जादुई पदार्थ है। इसे प्राकृतिक रेचक के रूप में जाना जाता है और मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें टैनिन भी होता है, जो डायरिया और पेचिश के इलाज में मदद करता है।

फेफड़े को रखे स्वस्थ्य:

यह फल अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी गुणों के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज में प्रभावी है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को करे बूस्ट:

बेल विटामिन-C का एक समृद्ध स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और संक्रमण-बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

दिल की सेहत:

बेल को दिल के लिए भी अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और स्वस्थ दिल को बनाए रखने में मदद करता है।

सुन्दर त्वचा:

यह फल त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा के संक्रमण का इलाज करने और स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

कमर दर्द, घुटने के दर्द जड से खत्म:

बेल में ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसीलिए कमर दर्द, घुटने के दर्द जड से खत्म हो जाते हैं।

कैंसर रोधीगुण:

बेल में Coumarins और flavonoids जैसे पदार्थ होते हैं जिनमें कैंसर रोधी गुण होते हैं। ये शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद करते हैं।

मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए:

इस फल को हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव के लिए जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह हमारे खून से मिठास कम करता है। यह इसे मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद बनाता है।

दर्द से राहत:

इस फल में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो शरीर में दर्द और बेचैनी को कम करने में मदद करते हैं।

लिवर की सेहत:

बेल लिवर के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें ऐसे चीज़े पायी जाती है जो लिवर को डिटॉक्सिफाई करने और इसके कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

बुढ़ापे में नई जवानी दिखाई देने लगेगी

बेल में मौजूद एंटी-एजिंग गुण शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे समय से पहले बुढ़ापा नहीं आता है।

आँखों की लिए सर्वस्र्ष्ठ औषधि

विटामिन-A भरपूर होने के कारण आँखों की लिए सर्वस्र्ष्ठ औषधि है।

अंत में

बेल – पाचन स्वास्थ्य से लेकर कैंसर-रोधी गुणों तक स्वास्थ्य लाभों की एक विस्तृत श्रृंखला है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग के अपने लंबे इतिहास और आधुनिक शोधकर्ताओं की बढ़ती रुचि के साथ, यह फल निश्चित रूप से एक स्वस्थ और संतुलित आहार है। इसके स्वादिष्ट स्वाद और संभावित स्वास्थ्य लाभों का अनुभव करें!

🙏 धन्य हो प्रभु आप। आपके अमृत समान मेवों का कोई मुकाबला नहीं। आपका कैसे कर्ज चुकता करें। 🙏

धन्यवाद 🙏

दर्शन आश्रम
गांव बुढेडा
गुडगांव

📈👨‍🔬 सूत्रों का कहना है (References)📈👨‍🔬

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