सर्दियों में बथुआ खाने के लाभ।
अंग्रेजी नाम | Send Lamb’s Quarters |
वैज्ञानिक नाम | Chenopodium album |
भारत में, अंग्रेजों द्वारा बथुआ उगाने से रोकने की रणनीति
हमारी कई आयुर्वेदिक औषधियों को तथाकथित कृषि वैज्ञानिकों (अंग्रेज व काळे अंग्रेज) ने खरपतवार (Weed) की श्रेणी में डाल दिया, जैसे बथुये, कोंधरा, चौळाई, सांठी, भाँखड़ी आदि और हम भारतीय चूं भी ना कर पाये।
अफसोस, किसान ये बातें भूलते जा रहे हैं और इस दिव्य पौधे को नष्ट करने के लिए अपने अपने खेतों में जहर डालते हैं। और पढ़ लो अंग्रेजी और बन जाओ अंग्रेज।
सुनो भाई! जो ना सुधरे तो एक दिन इस जहर से कैंसर जैसी बीमारी हम सबको मारेगी क्योंकि हम इस स्वर्ग जैसी जमीन मे जहर डाल के नरक बनाने मे लगे हैं।
आइए देखते हैं इसके फायदे।
बथुआ गुणों की खान है
भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो हमारा भारत महान है।
मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन
जब बथुआ शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।
जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं। (1)
गर्भवती महिला
गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन B, C व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सब कुछ है ही, कहने का मतलब है कि बथुआ पहलवानों से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है। (2)
गुर्दों में पथरी (Kidney Stones)
यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। (3)
लिवर करे ठीक
बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत (Liver) को ठीक करता है।
बथुये का रस, उबाला हुआ पानी पीयें, तो यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है। (4)
शारीरिक कमजोरी
बथुये में जिंक होता है जो कि शुक्राणुवर्धक है मतलब किसी को जिस्मानी कमजोरी हो तो उसको भी दूर कर दे बथुआ। (5)
कब्ज दूर
बथुआ कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ रहेगा तो कोई भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी। (6)
पथरी
पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शकर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।
रुके हुए मासिक धर्म में
मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें। आधा रहने पर छानकर पी जाएँ। मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा।
सिर के बाल
हमारी बुजुर्ग महिलायें *सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुये के पानी से बाल धोया करती थीं। क्या अब करेंगे शम्पू इसके आगे?
आँखों के लिए
आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुये की सब्जी खाएँ। बथुए का रस भी आंखों में डाल सकते हैं।
पेशाब में दिककत
पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें।
बथुये को निचोड़कर पानी निकालकर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें। स्वाद के लिए जीरा, जरा सी काली मिर्च और सेंधानमक लें और पी जाएँ।
आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।
मकान को रंगने
विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए पलस्तर में बथुआ मिलाते थे।😲
कैसे करे सेवन
- साग और रायता बना कर बथुआ अनादि काल से खाया जाता रहा है।
- बथुआ के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। बथुये का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है।
- बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें।
नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो सेंधानमक मिलाएँ। - किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुये का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ।
बथुए में कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स होते हैं।
100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में:
- 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate),
- 4.2 ग्राम प्रोटीन (Protein) व
- 4 ग्राम पोषक रेशे (Fiber) होते हैं।
कुल मिलाकर 43 Kcal होती है।
विटामिन
मिनरल्स
इसलिए अभी बाजार में बथुआ उपलब्ध है उसका सदुपयोग करें।
धन्यवाद।🙏
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दर्शन आश्रम
गांव बूढेडा, गुडगांव
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सूत्रों का कहना है
- Chenopodium album Linn: review of nutritive value and biological properties
- Evaluation of safety margins of Chenopodium album seed decoction: 14-day subacute toxicity and microbicidal activity studies
- Chenopodium album Linn. leaves prevent ethylene glycol-induced urolithiasis in rats
- Chenopodium album extract ameliorates carbon tetrachloride induced hepatotoxicity in rat model
- Ethnomedicinal appraisal of plants used for the treatment of gastrointestinal complaints by tribal communities living in Diamir district, Western Himalayas, Pakistan
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